आज तुम्हारे जन्मदिवस
पर भीड़ बधाई लेकर आई
रिश्ते नाते यार दोस्त सब
खड़े द्वार पर लिए मिठाई
बिना निमंत्रण, भी आये हैं,
दूर से चलके मेरे गीत !
याद दिलाने कुछ प्यारों की,खड़े यहाँ पर मेरे गीत !
कष्ट में वे ही, साथ रहे थे
तुम रोये, तो वे तडपे थे !
तुम्हे यहाँ तक पंहुचाने में
कैसे कैसे जतन किये थे !
बरसों तक जो,सो न सके थे,
हंस न सके थे,उनके गीत !
तुम्हें देखकर इस सीढ़ी पर, आँख अश्रु भर लाते गीत !
मंदिर मंदिर, दान किया था
पीर औलिया, पर भटके थे !
द्वार द्वार पर हाथ जोड़कर
कितने स्वाभिमान, तोड़े थे !
बरसों तक हर हँसी के पीछे,
अपना कष्ट छिपायें मीत !
कहीं भूल न जाना उनको , इतनी याद दिलाएं गीत !
जो तेरी किलकारी सुनकर
पूरे दिन , हँसते रहते थे !
कोई खतरा तुम पर आये ,
उस दिन भूखे, वही रहे थे !
सब कुछ खोया ,तुम्हें पढ़ाने ,
कभी न हाथ पसारे मीत !
आज तुम्हारे जन्म दिवस पर,घर की याद दिलाएं गीत !
खुशबू आशीषों की लेकर ,
इस दुनियां में तुम महकोगे !
बड़ी उमंगें, मन में लेकर ,
सबको हँसते हुए मिलोगे !
विद्या, बुद्धि, ज्ञान निर्धारण,
बचपन से कर देते ईश !
प्रतिभा सदा विजेता होगी, यही कामना करते गीत !
पर भीड़ बधाई लेकर आई
रिश्ते नाते यार दोस्त सब
खड़े द्वार पर लिए मिठाई
बिना निमंत्रण, भी आये हैं,
दूर से चलके मेरे गीत !
याद दिलाने कुछ प्यारों की,खड़े यहाँ पर मेरे गीत !
कष्ट में वे ही, साथ रहे थे
तुम रोये, तो वे तडपे थे !
तुम्हे यहाँ तक पंहुचाने में
कैसे कैसे जतन किये थे !
बरसों तक जो,सो न सके थे,
हंस न सके थे,उनके गीत !
तुम्हें देखकर इस सीढ़ी पर, आँख अश्रु भर लाते गीत !
मंदिर मंदिर, दान किया था
पीर औलिया, पर भटके थे !
द्वार द्वार पर हाथ जोड़कर
कितने स्वाभिमान, तोड़े थे !
बरसों तक हर हँसी के पीछे,
अपना कष्ट छिपायें मीत !
कहीं भूल न जाना उनको , इतनी याद दिलाएं गीत !
जो तेरी किलकारी सुनकर
पूरे दिन , हँसते रहते थे !
कोई खतरा तुम पर आये ,
उस दिन भूखे, वही रहे थे !
सब कुछ खोया ,तुम्हें पढ़ाने ,
कभी न हाथ पसारे मीत !
आज तुम्हारे जन्म दिवस पर,घर की याद दिलाएं गीत !
खुशबू आशीषों की लेकर ,
इस दुनियां में तुम महकोगे !
बड़ी उमंगें, मन में लेकर ,
सबको हँसते हुए मिलोगे !
विद्या, बुद्धि, ज्ञान निर्धारण,
बचपन से कर देते ईश !
प्रतिभा सदा विजेता होगी, यही कामना करते गीत !
प्रभु का संग,हमेशा तुमको
रक्षा का अहसास, दिलाये !
पृथ्वी की गोदी में, विहंसे ,
जी भर भर, आशीषें पाए !
आदिशक्ति रक्षक हैं तेरे,
रोज दिलाये तुझको जीत !
आदिशक्ति रक्षक हैं तेरे,
रोज दिलाये तुझको जीत !
ताज़ी हवा के हाथों तुमको, आशीर्वाद भेजते गीत !
आज तुम्हारे जन्मदिवस पर
गीत तुम्हे, कुछ कहने आये !
शांत चित्त,अध्ययन ज्ञान का
मूल मंत्र , सिखलाने आये !
समय यही है,तन्मयता का ,
अंतिम ज्ञान सिखाये गीत !
जैसे निर्मल जल को पाकर
प्यासे को अमृत मिल जाए !
जैसे पावन मन को पाकर,
साथी को जीवन मिल जाए !
वैसे ही स्मरण मात्र से,
खुश हो जाते मेरे गीत !
खुश हो जाते मेरे गीत !
कब आओगे बापस घर को,राह देखते मेरे गीत !
आज तुम्हारे जन्मदिवस पर
गीत तुम्हे, कुछ कहने आये !
शांत चित्त,अध्ययन ज्ञान का
मूल मंत्र , सिखलाने आये !
समय यही है,तन्मयता का ,
अंतिम ज्ञान सिखाये गीत !
शक्ति पुरुष हो ,माँ से मिलने, अर्जुन बनकर लौटें गीत !